राजकीय महाराजा सार्व.मण्डल पुस्तकालय जयपुर

परिचय
जयपुर शहर का पहला पुस्तकालय आमेर में महाराजा मानसिंह द्वारा सन् 1652में स्थापित किया गया। इस पुस्तकालय में महाराजा सवाई जयसिंह ने 1704 में 76 ग्रन्थ, 1711 में 420 ग्रन्थ व सन् 1716 में 336 ग्रन्थों की वृद्धि की तथा इसे आमेर से नई राजधानी जयपुर के जलेब चौक में स्थापित किया। महाराजा सवाई जयसिंह ने 1866 में इसे अपने निजी ग्रन्थालय की सीमा से निकालकर सार्वजनिक उपयोग हेतु महाराजा सार्वजनिक ग्रन्थालय के नाम से स्थापित किया। वर्तमान में जिस भवन में यह पुस्तकालय चल रहा है, इसकी स्थापना 1886 में महाराजा माधोसिंह ने करवाकर इसे पूर्णतया सार्वजनिक रूप प्रदान किया। फ्रेंक अलेक्जेन्डर व हरजीवन धूरार जैसे विद्धान इसके ग्रंथपाल रहे एवं महिम चन्द सैन व प्रफुल्ल चंद चटर्जी जैसे विद्धानों ने इसे समृद्ध बनाया। जयपुर राज्य के प्रधानमंत्री सर मिर्जा इस्माइल के कार्यकाल में सन् 1944 में राजरत्न प्रतापराय मेहता जो जयपुर मैटल इण्डस्ट्रीज के पार्टनर थे, ने ग्रन्थालय विकास योजना के तहत जयपुर की प्रत्येक चौकड़ी में 12 नगर वाचनालयों व महाराजा सार्वजनिक पुस्तकालय में अलग से बालकक्ष की स्थापना की। वर्तमान में नगर वाचनालय डॉ. राधाकृष्णन् राज्य केन्द्रीय पुस्तकालय के अधीन संचालित हैं।
दुर्लभ एवं संदर्भ साहित्य :-
इस पुस्तकालय में लगभग तीस हजार संदर्भ ग्रन्थ, 108 दुलर्भ ग्रन्थ व 333 हस्तलिखित ग्रन्थ उपलब्ध हैं। इसमें अबुल फजल द्वारा उर्दू में अनूदित महाभारत उपलब्ध है। दो सौ वर्ष से अधिक पुरानी ‘भृगुसंहिता,’ एवं दुर्लभ पत्रिका ‘एशियन कार्पेट’ (1835) भी इस पुस्तकालय में उपलब्ध है। दुर्लभ संग्रहों में ‘गजट ऑफ इण्डिया’ की 1876 से 1986 तक की नियमित जिल्दसाजी है। इस पुस्तकालय के स्थापना वर्ष 1886 से निरन्तर प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र, पत्रिकाएँ, विदेशी क्रमिक प्रकाशनों की जिल्दसाजी यहाँ संधारित है। ‘नाइन्टीन्थ सेंचुरी एण्ड आफ्टर’ , ‘रॉयल एशियाटिक सोसायटी’ व ‘सरस्वती पत्रिका’ के प्रथम अंक से लेकर 1986 तक नियमित अंक उपलब्ध हैं। 1860 ई. से भारत व अन्य देशों के दैनिक व साप्ताहिक पत्रों को भी यहाँ देखा जा सकता है। इसमें मुख्यत: पॉयनियर, स्टे्टसमैन, द लीडर, द टाईम्स ऑॅफ इण्डिया, द हिन्दू, द पेट्रियट व लन्दन से प्रकाशित द टाईम्स वीकली, लन्दन न्यूज एवं द ग्राफिक शामिल हैं।
उपरिलिखित पत्र-पत्रिकाओं में से कई पत्र-पत्रिकाएँ राष्ट्रीय पुस्तकालय कोलकाता में भी नहीं हैं। महाराजा मण्डल पुस्तकालय का सौभाग्य है कि इन सन्दर्भ पत्र-पत्रिकाओं के लिए राष्ट्रीय पुस्तकालय कोलकाता द्वारा समय-समय पर अपने शोध छात्रों को यहाँ भेजा जाता है। एक उल्लेखनीय तथ्य यह भी है कि इस पुस्तकालय का सूची पत्र वर्ष 1930 में ही मुद्रित हो गया था। यह सूची पत्र लंदन के केम्ब्रिज व ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयों में आज भी उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त यहाँ राजपत्रों का उनके प्रारम्भिक प्रकाशन वर्ष से निरन्तर दुर्लभ संग्रह है। जिसकी सेवा लेने के लिए जयपुर व राजस्थान के बाहर से भी पाठक आते हैं।
पुस्तक संग्रह
पुस्तकालय में लगभग 123000 पुस्तकों का संग्रह है।
वर्गीकरण
पुस्तकालय में पुस्तकों का वर्गीकरण DDC Ed 19 th द्वारा किया जाता है।
डिजिटाइजेशन
पुस्तकालय की दुर्लभ पुस्तकों का डिजिटाइजेशन किया हुआ है।
पुस्तकालय का कार्य समय
अप्रेल से मार्च – 11.00 से 7.00 बजे तक
मंगलवार का साप्ताहिक अवकाश रहता है।