राजकीय सार्व.मण्डल पुस्तकालय कोटा
परिचय
राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा का गौरवशाली इतिहास रहा है, इसकी स्थापना सन 1910 में पाओनियर सार्वजनिक पुस्तकालय के रूप में हुई थी। 15 अगस्त 1956 को इस पुस्तकालय को राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय का दर्जा दिया गया। शुरूआत में इसका संचालन बहादुर बाजार में स्थित सेठ दानमल जी के हवेली (बापना हवेली) से हुआ एवं सन् 1968 में दानमल जी की हवेली से छत्र विलास बाग में स्थानान्तरित कर दिया गया । इसके बाद सन् 1984 में पुस्तकालय को नगर विकास न्यास भवन में स्थानान्तरित कर दिया गया था। वर्तमान में पुस्तकालय स्वयं के भवन इनकम टैक्स कॉलोनी के सामने, सी. ए. डी. कॉलोनी, दादाबाडी, कोटा में संचालित है।
संदर्भ सेवा
इस पुस्तकालय में एक सन्दर्भ कक्ष है जिसमें शोधार्थियों के लिए संदर्भ ग्रन्थों का संग्रह है। संदर्भ सेवा स्थानीय शोधार्थियों के लिए बहु उपयोगी है।
बाल कक्ष
बाल कक्ष में बच्चों को निःशुल्क सदस्य बनाया जाता है। इसका प्रमुख ध्येय बालकों में अध्ययन के प्रति रूचि जागृत करना है।
वाचनालय
वाचनालय में दैनिक समाचार पत्रों के साथ विभिन्न विषयों पर 78 प्रकार की पत्र पत्रिकाएँ पाठकों के अध्ययन के लिए उपलब्ध करायी जाती है।
तकनीकी विभाग
तकनीकी विभाग पाठकों की अप्रत्यक्ष सेवा से जुड़ा है, जिसमें पुस्तक आदान प्रदान से पूर्व नवीन पुस्तकों का परिग्रहण, वर्गीकरण व सूचीकरण किया जाता है। पुस्तकों का वर्गीकरण DDC Ed 19 th प्रणाली से किया हुआ है तथा सूचीकरण सी.सी.सी. (Classified Catalogue Code) द्वारा किया जाता है।
पुस्तक संग्रह
वर्तमान में पुस्तकालय में 66460 पुस्तकें हैं। पुस्तकालय में 1542 दुर्लभ ग्रन्थ भी उपलब्ध हैं।
पुस्तकालय के सदस्य : पुस्तकालय में दो प्रकार के सदस्य हैं :-
आजीवन सदस्य
वार्षिक सदस्य
वर्तमान में पुस्तकालय में कुल 550 आजीवन सदस्य हैं तथा लगभग 500 वार्षिक सदस्य हैं। वार्षिक सदस्यता की अवधि 1 अप्रेल से 31 मार्च तक होती है।
पुस्तकालय का कार्य समय
अप्रेल से मार्च – 11.00 से 7.00 बजे तक
रविवार का साप्ताहिक अवकाश रहता है।