Kriya Sharir (Physiology)

क्रिया शारीर विभाग ‘‘धर्मार्थकाय मोक्षणां आरोग्यंमूलमुन्तमम्’’ आयुर्वेद में पुरुषार्थ चतुष्ट्य की प्राप्ति में आरोग्य को ही मूल कारण माना है। आयुर्वेद के उद्देश्यों में ‘‘स्वस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणं’’ को प्राथमिकता दी गई है, उक्त उद्देश्य की पूर्ति हेतु विभाग में शरीर क्रियात्मक दृष्टिकोण से प्राकृत दोष (शारीरिक, मानसिक), धातु, मल उपधातु ओज मन आत्मा एवं स्वम्न आदि का सम्यक ज्ञानक करवाया जाता है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए अष्टविध, दशविध, परीक्षाओं का ज्ञान स्वस्थ व्यक्तियों के अन्तर्गत करवाया जाता है। इनमें प्रकृति, सार, संहनन, प्रमाण, सात्म्य, संत्व, आहारशक्ति, वय के साथ-साथ नाड़ी, मूत्र आदि का परीक्षण विशेष रुप से सम्पन्न कराया जाता है। विभागीय प्रयोगशाला में आधुनिक शरीर क्रिया विषयक परिक्षणों में रक्त सम्बन्धि तथा मूत्र सम्बन्धि आपेक्षिक घनत्व, एल्ब्यूमिन, फॉस्फेट, शर्करा बाईल पिगमेन्ट, बाइलसाल्ट आदि का भी प्रायोगिक परीक्षण कराये जाते है। भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद् नई दिल्ली द्वारा निर्धारित शरीर क्रिया विषयक पाठ्यक्रमानुसार आधुनिक यंत्रोपकरणों यथा - स्फिग्नोमेनोमीटर, स्टेथोस्कॉप, सूक्ष्मदर्शी यंत्र, थर्मा मीटर, सेन्ट्रफ्यूज मशीन, कलरीमीटर, पीएच मीटर, स्पाईरोमीटर, टोनोमीटर, विस्कोमीटर, नी-हैमर, ई.सी.जी. द्वारा सम्पूर्ण प्रायोगिक कर्माभ्यास करवाया जाता है। विभागीय अध्यापकों द्वारा सम्यक अध्ययन अध्यापन हेतु विभाग में पुस्तकालय सभी संदर्भ ग्रंथो से सुसज्जित है। अध्यापन एवं प्रायोगिक कर्माभ्यास हेतु इलेक्ट्रोनिक मीडिया का उपयोग सम्यक् रुप से किया जाता है। शरीर क्रिया के सम्पूर्ण अध्ययन-अध्यापन हेतु आयुर्वेदीय शरीर क्रिया विषयों के साथ-साथ आधुनिक मानव शरीर क्रिया विज्ञान एवं जैव रसायन विज्ञान का भी निर्धारित पाठ्यक्रमानुसार अध्ययन करवाया जाता है। छात्रो को विभाग में उपलब्ध विभिन्न चार्टस, मॉडल्स के माध्यम से प्रदर्शनालय में सम्यक अध्यापन एवं प्रायोगिक कर्माभ्यास करवाया जाता है।


S.No. | Name of Faculty | Designation |
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1. | Prof. Ashok Kumar Sharma | Professor & H.O.D. |
2. | Dr. Kishori Lal Sharma | Asso.Professor |
3. | Dr. Rekhraj Meena | Lecturer |
4. | Dr. Vishnu Joshi | Lecturer |