सामान्य जानकारी
आईआरडी, जयपुर
सामान्य जानकारी
इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी डिजीज को वर्ष 1938 में किंग जॉर्ज (पंचम) सेनिटेरियम के रूप में स्थापित किया गया था, बाद में इसका नाम बदलकर चेस्ट एंड टीबी हॉस्पिटल रख दिया गया और जून, 2012 में इसे इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी डिजीज में यानी शवसन रोग संस्थान मे बदल दिया गया। यह संस्थान अब "श्वसन रोग संस्थान" के रूप में पहचाना जाता है। 306 बिस्तर वाला यह इस संस्थान सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज, जयपुर का वक्ष एवं क्षय रोग विभाग हैं। यह संस्थान उत्तर भारत में छाती और सांस की बीमारियों के लिए प्रसिद्ध संस्थानों में से एक और न केवल जयपुर बल्कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली आदि के 34 जिलों से मरीज इस संस्थान पर चिकित्सको के परामर्श के लिए यहां आते हैं।
अब तक के अधीक्षकों की सूची इस प्रकार है: -
डॉ डी.आर. नागपाल |
01-01-1953 से 31-10-1955 तक |
डॉ हंस कुमार |
01-11-1955 से 07-10-1971 तक |
डॉ बी.एस. चौधरी |
30-05-1972 से 07-01-1978 तक |
डॉ जी.एस. शर्मा |
08-10-1971 से 29-05-1972 तक 08-01-1978 से 07-01-1981 तक |
डॉ टी.एन. शर्मा |
08-01-1981 से 03-07-1989 तक |
डॉ एस.डी. पुरोहित |
04-07-1989 से 28-01-1993 तक |
डॉ विमल शर्मा |
29-01-1993 से 10-11-1995 तक |
डॉ एन.के. जैन |
11-11-1995 से 15-06-2002 18-08-2002 से 30-06-2012 तक |
डॉ पी.आर. गुप्ता |
16-06-2002 से 17-08-2002 तक |
डॉ एम.एल. गुप्ता |
01-07-2012 से 31-01-2014 तक |
डॉ आ.रके. जैनव |
01-02-2014 से 17-03-2019 |
डॉ विनोद जोशी |
18-03-2019 से आज तक |
अधीक्षक का संदेश
“श्वसन रोग संस्थान श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए राज्य मे विशेषज्ञ सेवाओं का एक प्रमुख संस्थान है। हर वर्ष 50,000 से अधिक मरीज यहाँ आउटडोर में उपचार हेतु आते हैं और 10,000 से अधिक रोगियों को इस संस्थान के सामान्य वार्ड, कॉटेज, क्यूबिकल और आईसीयू में हर वर्ष भर्ती किया जाता है। इस संस्थान मे श्वसन रोग(गैर तपेदिक) के लिए एक अलग से इमारत है जिसमें गहन चिकित्साइकाई(आई. सी.यू) व अधिक निर्भरता इकाई (एच. डी.यू) स्थापित है तथा तपेदिक के लिए अलग से वार्ड बने हुए है। यह संस्थान सोमवार, मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को क्रमशः चार कैंसर क्लीनिक जैसे फेफड़ो का कैंसर, धूम्रपान बंद, एलर्जी, एमडीआर क्लिनिक चला रहा हैं।